रामगढ़झील के 500 मीटर दायरे के वेट लैंड को लेकर फंसे 10 हजार से अधिक घरों के वजूद पर एनजीटी का फैसला 10 फरवरी को होगा। सोमवार को इस प्रकरण में एनजीटी में सुनवाई हुई।
जीडीए सचिव राम सिंह गौतम के मुताबिक सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में गोरखपुर समेत 12 जिलों से जुड़े मामले में सुनवाई थी। इन जिलों के क्रम में गोरखपुर 11 नंबर पर था। एनजीटी में एक से 10 नंबर तक के जिलों के मामले में सुनवाई हुई जबकि 11 और 12 नंबर पर दर्ज जिलों की सुनवाई की तिथि 10 फरवरी तय कर दी गई।
एनजीटी की हाई पावर कमेटी ने ताल के 500 मीटर के दायरे में आने वाले सभी निर्माण को ध्वस्त कराने की सिफारिश की थी जिसके खिलाफ जीडीए ने ट्रिब्यूनल में अपील की थी। पिछली सुनवाई में एनजीटी ने गोरखपुर के रामगढ़ताल समेत प्रदेश के कई जिलों के संबंधित मामलों में पक्ष रखने के लिए सिंचाई विभाग के सचिव को नोडल नामित किया था। एनजीटी में सोमवार को सुनवाई होनी थी जो अब 10 फरवरी को होगी।
झील के वेटलैंड में 10,403 भवन
रामगढ़झील के 500 मीटर के दायरे में कुल 10,403 आवासीय एवं व्यावसायिक इमारतें आ रही हैं। प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक ताल से 50 मीटर के दायरे में 393 आवास, जबकि पांच सौ मीटर के दायरे में 29 बहुमंजिली प्राइवेट इमारतें तथा पांच हजार प्राइवेट मकान हैं। इसके अलावा जीडीए की 15 कॉलोनियां भी इसी दायरे में आ रही हैं जिनमें 4981 आवंटी रह रहे हैं। यानी 500 मीटर के दायरे में कुल 10403 आवासीय एवं व्यवसायिक इमारतें हैं।